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कलमाड़ी ,ऐ राजा ने देश के धन को लुटा .पीछे जाये तो मुगलों ने लुटा इस देश को अंग्रेजो ने लुटा .इन्होने तो देश के धन को लुटा अब बारी है डेल्ही बेल्लि की यह एक फिल्म है . गली गलोच से करोडो कमा चुकी यह फिल्म अभिवयक्ति की एक नयी आजादी की रचना कर रही है . और इस देश से मानो एक अपील कर रही है उतर जाओ नंगेपन पर बेच दो शर्म .जिस तरह से ये भद्दी गालिया सार्वजानिक हुई है इस फिल्म के माध्यम से यह देखकर लगता है इस हिंदी -इंग्लिश फिल्म ने देश की शर्म लिहाज को ही लुट लिया है . इसे कहते है लुट जिसका कोई शोर भी नही और करोडो के वारे न्यारे .अब यही सब इस देश में बचा था लेकिन डेल्ही बेली ने इस कमी को पूरा किया . यार मुझे एक बात समझ में नही आती अगर एक चोर हमारी जेब में से १०ऊ का नोट निकलने की कोशिश करे तो हम उसे शायद पुलिस के हवाले कर देंगे . अगर कोई हमें गली दे या कोई हमारी गली में आकार कोई भद्दी गली दे तब भी हम शायद उसके दो डट तोड़ दे . इसी सिच्वेशन में मुझे एक फिल्म का शीर्षक याद आता है .क्या कूल है हम
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