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कलम (कविता )

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एक कलम हिला दे सरकारों को

एक कलम हिलाती सिंघासनो को

उजागर करे भ्रष्ट -आचारो को

सडक पर लाये देश के गद्दारों को

चले सही दिशा में तो मोड़ दे गोलियों को देश के दुश्मनों की छातियो पर

सही मार्गदर्शन करे -बर्बाद करे यही कलम देश
के युवाओ को

एक कलम सही दिशा चली ,आजादी दिलाई

एक कलम चल रही कर रही फिर से गुलाम

कर रही काले अंग्रेजो का गुणगान

आतंक को आतंक कहने से डर रही

कहती पत्थारबजो को मासूम

एक कलम थी जो क्रांति लाई थी

एक कलम जो क्रांति से रोक रही

दब रही राजनैतिज्ञो से

अप्सरो से नोकर्शाहो से

चलती थी जो विदेशियों के खिलाफ

आज क्यों है चल रही विदेशियों के इशारो पर

एक कलम हिला दे सरकारों को

एक कलम हिलाती सिंघासनो को

फिर क्यों आज भटका रही देश के विचारो को

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