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आज चारो तरफ देश में विदेशियों का बोलबाला है इस देश में मिडिया से लेकर बड़े बड़े शोपिंग मोल सब कुछ विदेशी हो गया है . कानून भी विदेशी तर्ज़ पर बनते है और मंत्री भी विदेशी इशारों पर . यह सब हमारी आपसी फुट की वजह से ही तो है नही तो क्या कोई अग्निवेश इस देश में करोडो लोगो की आस्था श्री अमरनाथ बर्फानी जी का अपमान कर सकता है ,क्या कोई नेता हिन्दू आतंक का नारा देकर झूठा परचार कर सकता है ,क्या कोई ८० करोड़ बहुसंख्यक होते हुए भी उस देश में उनके धर्म से जुड़े लोगो पर कीचड़ उछाल सकता है .ये सब मुमकिन है तो केवल इसी देश में क्यों की हम वही लोग है जो जातिवाद पर लड़ सकते है हम आरक्षण मांग सकते है, रेल की पटरिय उखाड़ सकते है लेकिन अपने देश की बात आती है तब हम कहते है की यह जरूरी नही है की हम ही भगत सिंह बने या जरूरी नही है की मेरा ही बेटा भगत सिंह हो . हम पीछे हट जाते है जब कोई हमारे धर्म पर गलत टिप्पणी करता है तब भी हम कुछ नही करते और यही सोच कर चुप रह जाते है की हमने क्या ठेका ले रखा है . लेकिन हम अपनी जाती पर गर्व करते है लड़ने को तैयार रहते है लेकिन राष्ट्रहित के मुद्दों पर आगे नही आते .एकता का परिचय नही देते क्यों की हमारा स्वाभिमान मिटता जा रहा है हम हद से जयादा सेकुलर होते जा रहे है या यु कहे हम उस स्थिति में आ चुके है जहा हम सोच रहे है की हमारा घर सुरक्षित है . हम अपने धर्म को भूल रहे है हम अपने हिन्दू धर्म पर गर्व नही कर रहे है .और न ही इस धरती माँ के लिए कुछ कर रहे है तभी तो एम् ऍफ़ हुसैन जैसे लोग हमारी धरती माँ के और देवी देवताओं के नग्न या अभद्र चित्र बना देते है .तभी लगता है हिन्दू होना गर्व नही है इस देश में क्यों की हमारे खुद के हित ही हमारे लिए सर्वोपरि होते जा रहे है .हम आधुनिकता में देशभक्ति और अपने धर्म को भूलते जा रहे है जो किसी भी देश और देश के लिए खतरनाक सिद्ध होता है
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