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सभी को मेरी नमस्कार ………….
मित्रो , जिस तरह से हिसार लोकसभा क्षेत्र में टीम अन्ना ने कोंग्रेस का विरोध किया आज तक इस तरह का विरोध देश में हमें देखने को नही मिला . वह भी किसी गैरराजनैतिक संस्था द्वारा यह देश का पहला इस तरह का विरोध होगा . लेकिन इन सबके पीछे कोई राजनैतिक मंशा है इस बात से भी इनकार नही क्या जा सकता . मै अपने पिछले लेख (कोंग्रेस विरोध में अन्ना की दूरगामी सोच ) में पहले ही साफ़ कर चुका हूँ की हिसार में जाटो के वोट लगभग चार लाख अस्सी हजार है और बाकी की बिरादरियो के सात लाख कुछ हजार यानि की हिसार जाट बहुल क्षेत्र है .लेकिन जब दो जाट उम्मीदवार खड़े हो जाते है तब जाटो के वोट बात जाने की सम्भावना बनती जैसा की भिवानी लोकसभा में हुआ था वहा भी दो जाट उम्मीदवार खड़े थे अजय चोटाला और सुरेन्द्र सिंह . एसा ही हाल कुछ हिसार उपचुनावो में है इसी बात को केजरीवाल समझ रहे हो बेशक से कुछ लोग यह कह सकते है की हिसार से चुनाव ही लड़ना होता तो इसी उपचुनाव में केजरीवाल लड़ सकते थे .लेकिन लेकिन ……….मेरा ये मानना है की केजरीवाल अब की बार हिसार चुनाव में एक उम्मीदवार के तोर पर खड़े हो जाते तो ऐसी स्थिति में उन्हें वोट मिल पाने मुश्किल भी थे चुकी वहा पहले से ही नॉन जाट उम्मीदवार कुलदीप बिश्नोई खड़े है साथ ही नॉन जाट वोटो भी दो धडो में बट जाना तय थे फिर न कुलदीप जित पते और न ही केजरीवाल यानी पहले ही इलेक्शन में किरकरी . इसी बात पर गोर कर केजरीवाल कोंग्रेस का विरोध कर रहे है जिसके तहत वे अपने आपको भ्रष्टाचार विरोधी और एक साफ -सुथरी छवि का व्यक्ति प्रस्तुत कर रहे है .इस शक को पुख्ता एक और बात करती है की इस पूरे कोंग्रेस विरोध में न तो अन्ना दिखे जब की उनके आने के कयास लगाये जा रहे थे अन्ना हजारे ने केवल एक रिकोर्डिंग भेजकर अपना फर्ज़ निभा दिया और साथ ही किरन बेदी भी ज्यादा नजर नही आई . जब की केजरीवाल ही सारी कमान को संभाले रहे और मिडिया में छाए रहे . क्या आपको नही लगता की जिस तरह से केजरीवाल ने ज्यादातर हिसार में समय दिया उसी तरह से ही किरण बेदी , अन्ना हजारे , अरुण भाटिया या फिर जो भी उनकी टीम के सदस्य है उन्हें भी समय देना चाहिए था . कही न कही लगता है की अगले लोकसभा चुनाव के लिए टीम अन्ना की तरफ से अरविन्द केजरीवाल को पर्स्तुत किया गया है उन्हें एक चेहरा बनाया गया है . इन हालातो को देखकर तो लग रहा है की केजरीवाल ने सभी जातियों को अपनी और आकर्षित करने की कोशिश की है जिससे अगला लोकसभा चुनाव जीता जा सके .
नोट ; यह मेरा एक अनुमान है …….
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