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मित्रो ,आजकल हमारे देश में बड़े लोगो की जुबान बहुत ज्यादा फिसल रही है पहले स्वामी अग्निवेश की फिसली अब प्रशांत भूषण की .ये दोनों ही टीम अन्ना के सदस्य है .वैसे इस लिस्ट में और भी नाम है जिनकी जुबान फिसल जाती है या फिर जान भुज कर …….जैसे अरुंधती राय , गिलानी साहब , चलिए छोडिए इन लोगो को . अब बात करते है ताज़े मामले पर उन लोगो पर जो अपने आपको देशभक्त कहते है .जी हाँ अपने पर्शंत भूषण जी वही जन्लोक्पाल वाले . जो कल तक सरकार पर कैसे -कैसे आरोप लगा रहे थे युवाओं से कह रहे थे कुर्बानी देने के लिए तैयार रहो सांसदों का घेराव करो ,थालिया बजाओ .लेकिन अब ये साहब कह रहे है कश्मीर से सेना हटाओ , कश्मीर को आजाद करो .एक देशभक्त के मुह से ऐसे विचार सुनकर इस देश की भोली – भाली जनता भला कर भी क्या सकती थी चुकी जनता तो उन्हें बहुत बड़ा देशभक्त मानती है . लेकिन कुछ युवा प्रशांत के चेंबर में घुसे और उनकी पिटाई कर दी . अब होनी तो चाहिए थी उस ब्यान की नींदा लेकिन हो गयी श्री राम सेना को बैन करने की मांग . हमारे भारतीय मीडिया ? ने प्रशांत को देश की भावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोपी तो बताया नही बल्कि उन युवाओं को ही कत्घ्ड़े में खड़ा कर दिया जिनकी भावनाए आहत थी और प्रशांत को बना दिया एक हीरो .
मित्रो ,आप ही सोचिये की प्रशांत भूषण का ब्यान किस तरह जायज था जिस कश्मीर के लिए हमारे हजारो जवानो ने अपनी शहादत दी ,जिस कश्मीर के लिए कई ओरते विधवा हुई उसी कश्मीर को थाली में सजा कर आजाद घोषित कर दो और बढ़ा लो अपना एक और दुश्मन . क्या ये हमारे जवानो के बरसो के तप उनके बलिदान कुर्बानियों का अपमान नही है ? होना तो ये चाहिए था पर्शंत धारा ” तीन सो सत्तर ” को खत्म करने की मांग करते .होना तो ये चाहिए था प्रशांत कश्मीरी ब्राह्मणों की आवाज़ बुलंद करते लेकिन ……….मान लिया कश्मीर को आजाद कर दे भारत तो अगला राज्य कोन सा है फिर तो सभी जगह अलगावादियों की आवाज़ जोर पकड़ेगी ……….
इसमें एक और बात दुखद है जो अन्ना हजारे भारत माता की जय के नारे लगवा रहे थे उन्होंने भी पर्शांत को आड़े हाथो नही लिया . और उससे भी एक मन को दुखी करने वाली बात यह है की जो बीजेपी खुद को हिन्दुत्त्व की पार्टी कहती है उसने भी सही ढंग से पर्शांत के ब्यान को गलत नही बताया आखिर बीजेपी के लोग किस दिशा में जा रहे है समझ नही आ रहा .मुझे तो लगता है बीजेपी भी अब धर्मनिरपेक्ष बन्ने के चक्कर में राष्ट्रहित से समझोता करने लगी है .
चलते -चलते = जैसे अफजल गुरु की फ़ासी पर काश्मीर में “ला एंड ऑर्डर” की स्थिति उत्पन्न हो सकती है (जब की वह एक आतंकी है ) .वैसे ही देश को तोड़ने वाले ब्यान पर हिन्दू देशभक्त भी उग्र रूप धारण कर सकते है अतः सेकुलरो को चाहिए की वह देश को तोड़ने वाले ब्यान तो कम से कम न ही दे . चुकी ऐसे बयानों से देशभक्तों की भावनाए आहत होती है इसलिए मै कहूंगा सभी ऐसे लोगो से जुबान संभाल के ….
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