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भाइयो और बहनों बहुत से लोग हिन्दू मुस्लिम एकता के ख्वाब देखकर सो जाते है . किन्तु सुबह हते ही वह ख़्वाब कांच के महल की तरह चकना – चूर हो जाते है . फिर भी वे लोग ख्वाब देखते और दिखलाते है लेकिन क्या कारण है की हिन्दू मुस्लिम एकता नही हो सकती . क्या कारण है देश में कही न कही से दंगो – अलगावाद की स्थिति उत्पन्न होती रहती है . वैसे इस देश में एसे मुसलामन भी है जो हिन्दुओ के साथ घुल मिल कर रहते है और सैकड़ो सालो से रह रहे है लेकिन फिर भी दंगे और अन्य तरह की घटनाए होती रहती है . इनका कारण पहला तो यही है इस देश में बिना किसी वीजा के अवैध तरीके से बंगलादेशी , पाकिस्तानी मुसलमानों का आना और बेरोजगारी को और बढ़ाना . जिससे न सिर्फ भारत की अर्थवयवस्था कू धक्का लगता है बल्कि आपसी कट्टरवाद भी बढ़ता है .और उन्ही बंगलादेशी घुस्पेथियो के कारण मुसलमान की आर्थिक दशा देखने में कमजोर लगती है लेकिन लाखो की संख्या में बंगलादेशी भारत में अवैध रूप से रह रहे है वे यहाँ हीरे – ज्वारात लेकर नही आते . इन्ही के कारण मुसलमानों की स्थिति बदतर हो रही है और ये लोग सरकारी नोक्रिया , और काम धंधे भी करने लगे है जिससे भारतीय मुसलमानों और हिन्दुओ का काम – धंधा छीन रहा है . और हमारी सरकारे इन्हें निकालने की जगह इन्हें हर सुविधा उपलब्ध कराती है . जिससे हिन्दू और मुसलमान के बीच तनाव बढ़ रहा है . जिसमे आम मुसलमान और हिन्दू पिस्ता है . दुसरा कारण यह है मुसलमानों की पुरानी और कट्टर – पंथी सोच जिसके तहत वे लोग अधिक से अधिक ध्र्मान्तर्ण करवाना चाहते है और इसमें उनका साथ हमारी सरकार देती है इन लोगो का इन्हें आरक्षण देना , और मदरसों प़र करोड़ो खर्च करना जिससे धर्म – परिवर्तन की समस्या बढती है और जब मत परिवर्तन हो जाता है तब यह स्थिति दंगो का रूप धारण कर लेती है . परन्तु सरकारे न तो दंगाईयो के खिलाफ कारवाई करती है और न ही कट्टरपंथियों प़र लगाम कसती है . हिन्दू मुसलमान एकता हो सकती है लेकिन कुछ उपाय सरकार करे तब ..
1धर्म परिवर्तन प़र पर्तिबंध लगे
2बंगलादेशी घुसपैठियों को बाहर का रास्ता दिखया जाए ताकि 3मुसलमानों की आर्थिक दशा सुधरे
4मदरसों को बंद कर सभी को सामान शिक्षा दी जाए ताकि मुस्लिम मानसिकता में सुधार हो
5जो भी दंगो की पहल करे उसे सख्त सज़ा दी जाए
6फतवों प़र नियन्त्रण कसा जाये
7कश्मीर में धारा ३७० रद्द की जाए
8सभी धर्मिक आरक्षण खत्म कर आर्थिक रूप से कमजोरो को आरक्षण दिए जाए
लेकिन क्या ये सब हमारी सरकार कर सकती है ?लेकिन एक बात तो तय है जब तक ये सब नही होगा दोनों समुदायों में आपस में विश्वास उत्पन्न उत्पन्न नही होगा और जब तक एसा नही होगा तब – तक हिन्दू मुस्लिम एकता दिन में ख़्वाब देखने के बराबर है
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