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हिन्दू ही बुरे होते है ?

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आजकल मिडिया वाले और कुछ ब्लोग्गर हिन्दुओ को बदनाम करने की कोई खबर नही छोड़ते ,उन्हें लगता है बुराई तो केवल हिन्दुओ में ही है या फिर दुसरे धर्मो की बुरइयो को दिखाते समय उस पर कुछ लिखते समय उनकी कलम काप जाती है .चुकी हिन्दू सहनशील ,मानसिक रूप से गुलाम ,हद्द से ज्यादा सेकुलर होते है उन्हें निशाना बनाने में मीडिया और ब्लोग्गरो को कोई दिक्कत नही आती . वह जमकर अपनी लेखनी और कैमरे का जलवा दिखाते है वैसे सबसे आसान तरीका है टीआरपी बढाने का ” हिन्दुओ को बदनाम करना “.
ताज़ा बहस छड़ी है ओनर किलिंग पर इस बहस में अक्सर निशाने पर हरियाणा का एक ख़ास समुदाय रहता है .कुछ बुद्धिजीवी किस्म के लोग मानते है की ये समस्या हिन्दुओ ,खासकर हरियाणा में है . वैसे तो मै ओनर किलिंग को गलत मानता हूँ लेकिन जिस तरह से मीडिया हरियाणा और बाकी जगहों के हिन्दुओ को ओनर किलिंग के नाम पर दकियानूसी ,रुढ़िवादी बताता है उस पर बहुत गुस्सा आता है .चुकी ओनर किलिंग केवल हिन्दुओ में ही नही है ………..याद हो काश्मीर की रजनीश शर्मा वाली घटना जिसमे रजनीश शर्मा ने एक मुस्लिम लड़की से विवाह किया था लेकिन कत्त्र्पन्थियो ने उसे मोत के घाट उतार दिया अब उस खबर को लिखने की हिम्मत किसी ब्लोग्गर की हुई नही और न ही किसी मीडिया की . पिछले कुछ सालो से मीडिया ,बुद्धिजीवी ब्लोग्गर सभी हिन्दुओ के दुशमन नम्बर एक बन्ना चाहते है सभी की बस एक ही इच्छा है कैसे हिन्दुओ को बदनाम कर सेकुलरिज्म में नम्बर वन का खिताब हासिल किया जाए . पिछले दस सालो से जिस तरह से बार -बार गुजरात दंगे को मसाला -तड़का लगा के दिखाया जा रहा है वह भी हिन्दू समाज की छवि खराब करने का षड्यंत्र है उससे भी घटिया बात उस दंगे के बाद और पहले दंगो में कितने ही हिन्दुओ ने अपनी जान -जमीन गवाई वह तस्वीर आजतक देश के सामने नही आई कारण मीडिया की दोगली और झूठी धर्मनिरपेक्षता .
अब एक खबर की बात करते है जो की ताज़ा है लेकिन मीडिया वालो ने भारत की जनता को इसे नही दिखाया ………24 अक्टूबर 2011 की रात को को चौबीस परगना जिले के डायमण्ड हार्बर स्थित, कुल्पी थाने पर 3000 से अधिक मुसलमानों की भीड़ ने हमला कर दिया, BDO स्तर के अधिकारी को बंधक बनाकर रखा, कई पुलिसकर्मियों के सिर फ़ोड़ दिये एवं महिलाओं से बदतमीजी की। मामला कुछ यूँ है कि 23 अक्टूबर की रात को जेलियाबाटी गाँव में हिन्दू ग्रामीणों ने कुछ मुस्लिमों को हिन्दुओं के घरों में तोड़फ़ोड़ करते और महिलाओं को छेड़ते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। आपसी संघर्ष में दो मुस्लिम अपराधियों की मौत हो गई, जबकि तीन मुस्लिमों को ग्रामीणों ने कुल्पी पुलिस थाने के हवाले कर दिया। बस फ़िर क्या था… हजारों मुस्लिमों की हथियारों से लैस भीड़ ने कुल्पी थाने तथा स्थानीय BDO के दफ़्तर को घेरकर तोड़फ़ोड़ व आगज़नी कर दी। इस दौरान प्रशासन को रोकने के लिए, राष्ट्रीय राजमार्ग 117 को हथियारों से लैस मुस्लिमों ने रोककर रखा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस हमलावर भीड़ में तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ता भी शामिल थे।
असल में हिन्दू-बहुल दो गाँवों उत्तर नारायणपुर एवं गोमुखबेरिया लगातार 24 परगना जिले के चरमपंथी मुस्लिमों के निशाने पर हैं। इन दोनों गाँवों की (किसी भी आयु की) महिलाओं का गाँवों से बाहर निकलना मुश्किल है, क्योंकि बाहरी क्षेत्र में अक्सर इनके साथ मुस्लिम युवक छेड़छाड़ और गालीगलौज करते हैं, परन्तु 23 अक्टूबर को बात बढ़ गई, इसलिए हिन्दुओं ने ऐसे शोहदों की धुनाई करने का फ़ैसला कर लिया, इसी दौरान दो मुस्लिमों की मौत हुई और तीन पुलिस के हवाले हुए।

इस घटना के बाद बेशर्म वामपंथियों ने (जिन्होंने पिछले 30 साल तक इन अपराधियों को पाल-पोसकर बड़ा किया) इसका राजनैतिक फ़ायदा लेने की भौण्डी कोशिश शुरु कर दी। CPI वालों ने इस हमले को राजनैतिक संघर्ष का रंग देने का प्रयास किया और आरोप लगाया कि तृणमूल कार्यकर्ताओं ने, CPIM के नेता लालमोहन सरदार के घर पर हमला किया और लूटने का प्रयास किया (जबकि यह अर्धसत्य है, खबरों के अनुसार पूर्ण सत्य यह है कि लूटने आये तीनों मुस्लिम व्यक्ति तृणमूल कार्यकर्ता जरुर थे, लेकिन उन्हें CPIM-Trinamool से कोई लेना-देना नहीं था, वे तो एक “हिन्दू नेता” को सबक सिखाने आये थे, चाहे वह जिस पार्टी का भी होता…)। परन्तु अपनी झेंप मिटाने के लिए वामपंथी इसे दूसरा रूप देने में लगे रहे, क्योंकि वे यह स्वीकार कर ही नहीं सकते थे कि जिन मुस्लिमों को उन्होंने 30 साल तक शरण देकर मजबूत बनाया, आज वही उन्हें आँखें दिखा रहे हैं। वामपंथियों को देर से अक्ल आ रही है, वह भी तब जबकि अब उनको निशाना बनाया जाने लगा है…।
अब यह खबर मिडिया वाले तो दिखने से रहे चुकी हिन्दू जाग्रति इस देश में वे होने नही देना चाहते तभी युवाओं को हिन्दुओ की बुराइया दिखा -दिखाकर हिन्दू धर्म के प्रति नफरत फ़ैलाने का प्रयास कर रहे है उससे भी दुःख की बात की सवतन्त्र ब्लोग्गर भी उन्ही का सहयोग कर रहे है . हर इंसान जो सेकुलरिज्म में अव्वल अंक प्राप्त करना चाहता है वह हिन्दुओ को बदनाम करने का की मोका नही छोड़ता तभी आज का युवा भी सोचने लगा है ‘ हिन्दू ही बुरे होते है ‘ .

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