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मित्रो लग रहा है की अन्ना के मंसूबे कह्त्रनाक होते जा रहे है जिस आर एस एस और बीजेपी ने अन्ना का साथ दिया इन मंसूबो से सबसे ज्यादा हानि उन्ही को होने की आशंका है . मित्रो , मैंने हिसार विरोध पर ही साफ़ कर दिया था की केजरीवाल चुनाव लड़ना चाहते है लेकिन अब तस्वीर और अधिक साफ़ हो गयी है जिस तरह से अन्ना हजारे ने नई कोर कमिटी में मुस्लिम ,दलित और आदिवासियों को शामिल करने की बात कही है उससे साफ़ है की उनका उद्देश्य महज भ्रष्टाचार से लोकप्रियता पाना ही नही बल्कि बीजेपी का तोड़ बनने का भी है . जैसा की मैंने पहले भी लिखा है की आज के समय में युपीए के खिलाफ पूरे देश में माहोल है और इस माहोल के लिए महंगाई ,आतंक ,काला धन जैसे मुद्दे जिम्मेवार है और ठीक इसके उल्ट भारतीय जनता पार्टी को इस माहोल का लाभ मिलने की आशंका है (इसमें अन्ना का कोई रोल नही है ) . ऐसे में ही अमेरिकी परस्त मीडिया ने अन्ना को खड़ा किया अपना विशेष सहयोग देकर ( ताकि देश की हिंदूवादी पार्टिया सत्ता से बाहर रहे )जिस इंसान को महाराष्ट्र से बाहर के राज्यों में जाना नही जाता था उस इंसान को पूरे देश का नेता बनाया मीडिया ने ..अन्ना को मीडिया ने पहले यूज किया बाबा रामदेव के काले धन के मुद्दे को ठंडा करने के लिए और फिर बाद में रामलीला मैदान में शीला कोम्न्वेल्थ घोटालो को छुपाने के लिए ……………..जब अन्ना की टीम की असलियत सामने आने लगी तब अन्ना चले गये मोन पर लेकिन जब देश के साधू -संत भर्ष्टाचार के खिलाफ जनजागरण करने निकले तो अचानक अन्ना ने अपना मोन तोड़ा ….कारण सिर्फ एक ही हो सकता है की कही साधू संत इस देश में जनजागरण न लादे . इसी कारण अन्ना ने मोन तोड़ते ही अब फिर से आडवाणी पर ऊँगली पर ऊँगली उठा दी और दलित , आदिवासियों को अपने साथ लेने की बात कर रहे है . अन्ना और अमेरिकी परस्त मीडिया ने खेल कुछ यु रचाया पहले भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना को एक ब्रांड बनाया लोगो के दिलो को जीता और अन्ना को बना दिया एक राष्ट्रभक्त जनता की नजरो में ताकि बीजेपी के वोटरों को भी अपने पक्ष में लिया जा सके . इस पूरे कार्यकर्म में अन्ना को आर एस एस की मदद भी मिलती रही अन्ना के आन्दोलन में जो भीड़ आई वह बाबा रामदेव और आर एस एस का सहयोग भी था चुकी आर एस एस अब तक अन्ना के मंसूबे नही भाप पाया है . लेकिन मीडिया ने इस भीड़ के सहारे अन्ना को एक जननेता बना दिया और लोगो की नजर में अन्ना एक राष्ट्र नेता बन गये .अब इसी लाभ को लेने के लिए और भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से दूर रखने के लिए नई कोर कमिटी बनाई जा रही है जिसमे राजनीति साफ़ झलकती है . जिसका मकसद सिर्फ एक ही है पहले करो कोंग्रेस की बुराई और अपने आपको बना डालो एक जननेता और फिर लोगो का दिल जीत कर अपने उम्मीदवार खड़े कर दो और ताकि भारतीय जनता पार्टी को नुक्सान पहुचाया जाये ताकि फिर से इस देश में धर्मनिरपेक्ष सरकार बन सके . मित्रो इंतज़ार कीजिये उस घडी का जब ये लोग अपने उम्मिदाव्रा उतारेंगे और भारत की जनता के वोटो से इस देश में धर्मनिरपेक्ष सरकार बनायेंगे .
नोट – लेख अनुमानित
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