ajad log
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भटक गया हूँ मै
लटक गया हूँ मै
जागते -जागते कही सो गया हूँ मै
आँखे खुली है लेकिन
अन्धेरा ही अँधेरा नजर आ रहा
तलाश रहा हूँ मै
खोज रहा हूँ मै
फिर से एक कोशिश में हूँ
मुद्दे की तलाश में हूँ
कैसे खुद को फॉर्म में लाऊ
कैसे आप लोगो की टिप्पणिया पाऊ
हर बार करता हूँ कोशिश
कभी समय तो कभी मेरे निजी कार्य
तो कभी चिंताए मुझे रोक लेती है
कृपया कोई मुझे बताये
कोई एक मुद्दा सुझाए
जिससे मै फिर से आप लोगो
के बीच अपने को पा सकू
आपके साथ साथ मै भी देशसेवा में आ सकू
जैसे जन्लोक्पाल लटका है
आज मै भी लटका हूँ
इसी सोच में क्या क्या लिखू
क्या लिखू
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