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बंद करो ये भ्रष्टाचार पर कलम चलाना

ajad log
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भ्रष्टाचार , भ्रष्टाचार , भ्रष्टाचार कान पक गये है देशवासियों के इस शब्द को सुनते सुनते और आजकल तो लेखको को भी इस शब्द पर कलम चलाने का जैसे मोका मिल गया है . हर कोई पीछे पड़ गया है इस एक शब्द के कोई कह रहा है उसने वह भ्रष्टाचारी खड़ा किया कोई कह रहा है दूसरी पार्टी ने इतने भार्श्ताचारियो को टिकेट दिया . चिल्ला, चोप एक शोर सा मचा है इस एक शब्द की वजह से . लिखने वाले एसा -एसा लिख रहे है की जैसे भ्रष्टाचारियो से नफरत उनसे ज्यादा किसी को नही है . लेकिन मै पूछता हूँ आजकल ईमानदारी को पूछता कोन है ? कोई भूखा ,नंगा , बिना लाव -लश्कर गाडियों के काफिले आपके घर वोट मांगने आये तो क्या आप लोग उससे सही ढंग से बातचीत भी करते है . जो इंसान केवल ईमानदारी के नाम पर वोट मांग रहा है न कोई लंगर चला रखा है न कोई दारु बाट रहा है क्या आप उसका सहयोग भी कर रहे है ? आखिर कैसे मिटेगा भ्रष्टाचार ? क्या ऐसे कोई इमानदार व्यक्ति जिसने कभी रिश्वत नही ली नही दी जिसके पास न गाडी है न करोडो रूपया है , है तो बस इमानदारी क्या हम उसका सहयोग करते है . आ जाए कोई १० बारह गाडी लेकर , लाल बत्ती टियु – टियु कर रही हो हम तो सब व्ही पाते है न उसके आगे पीछे मंडराने हम ही तो लगते है . आखिर हम ही लोग तो उस इमानदार व्यक्ति (उम्मीदवार ) को उसकी ओकात दिखा डालते है न . चुकी वह भ्रष्टाचारी आमिर है उसकी जुबान से निकला हर शब्द सत्य है चुकी उसके पास पैसा है हम ही लोग उस भ्रष्टाचारी के पक्ष में चुनावी हवा बनाते है . हम ही लोग हर बार भ्रष्टाचारियो को कुर्सी पर बैठाते है फिर क्यों भ्रष्टाचार -भ्रष्टाचार चिल्लाते है . क्या कभी जाती से उपर उठकर , निजी स्वार्थ से उपर उठकर , वोट डालने जाते है . हमारी सारी इमानदारी वहा गुम हो जाती है जब कोई भ्रष्टाचारी उम्मीदवार हमारे बेटे ,भाई को नोकरी दिलाने की गारंटी देता है . आज यदि कोई गुंडा , भ्रष्टाचारी ,हत्यारा ,बलात्कारी मंत्री है तो हमारी वजह से , न की भगवान उसे हमारी कुंडली में बैठा कर गये है और वह भ्रष्टाचारी तब तक एम् एल ऐ ,एम् पि , सरपंच का पद प्राप्त करता रहेगा जब तक हम निजी स्वार्थो से उपर उठकर मतदान नही करेंगे और तब तक हम ऐसे ही चिल्लाते रहेंगे भ्रष्टाचार , भ्रष्टाचार , भ्रष्टाचार और ऐसे ही भ्रष्टाचारी कुर्सियों से चिपकते रहेंगे और इस सिस्टम का हिस्सा बने रहेंगे और इस देश को चूसते रहेंगे . फिर क्या फायदा है भ्रष्टाचारियो पर कलम चलाने का चुकी मतदान केंद्र पर जाकर तो हमें अपने बेटे की नोकरी , अपनी जाती , अपने सम्बन्ध दीखते है भले ही देश जाए भाड़ में .

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