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मेरा मानना है देश का प्रधानमन्त्री चुनने का हक़ सीधे जनता को दिया जाये न की एम् पि मडली को और न ही किसी पार्टी के अध्यक्ष को चुकी एम् मडली , और उस पार्टी के अध्यक्ष जिसके पास सत्ता का बहुमत है वह अपनी सहूलियत और अपनी जी हजुरी करने वाले इंसान को पद पर बैठा सकते है या फिर देते है . ऐसे में हमें एक कमजोर जी हजुरी करने वाला नेता पर्धन्मन्त्री के पद पर मिलता है जो न तो जनता की भावनाओ को समझता है और न ही देशहित को चुकी ऐसे व्यक्ति ने न तो जनता के दुःख दर्द को करीब से देखा होता है और न ही राजनीती की उबड खाबड़ को . एसा प्रधानंत्री उस नेता के रहमो -कर्म में दबा होता है जिसने उसे इस पद पर बैठाया है और वह केवल उसी के प्रति जवाबदेह भी होता है एसा इंसान राष्ट्रहित में कोई भी मजबूत फैसला नही ले सकता चुकी वह फैसला लेने में सक्षम ही नही होता और ऐसे प्रधानमन्त्री की गलतियों का खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ता है और उस राष्ट्र की बहुत अधिक हानि होती है हर स्तर पर वह चाहे कूटनैतिक हो या फिर आर्थिक या फिर राजनातिक उस देश का हर तरीके से पतन निश्चित होता है . इसलिए अब समय आ गया है की देश का प्रधानमन्त्री चुनने का हक़ जनता को दिया जाये ताकि जनता सवयम अपने विवेक से अपना नेता चुन सके देश को एक मजबूत प्रधानमन्त्री मिल सके जिसकी जवाब देहि जनता के प्रति हो न की उसके आका के प्रति , जो भारत को समझता हो जिसका उद्देश्य मात्र अमेरिका के राष्ट्रपति या फ़्रांस के राष्ट्रपति से हाथ मिलाना , फोटो खिचवाना नही हो बल्कि भारत को एक विश्वशक्ति के रूप में स्थापित करना हो जो भारत के हर दुश्मन का मुह तोड़ जवाब दे सके और भारत को आर्थिक स्तर , राजनैतिक स्तर , पर नया मुकाम हासिल करा सके , जो भारत की सभ्यता संस्कृति का भी सम्मान करता हो .
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