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आज हमारे देश में प्रधानमन्त्री के पद के दावेदार बहुत है कोई कहता है नरेंद्र मोदी बढ़िया है तो कोई राहुल गांधी तो कोई आडवाणी तो कोई प्रणब ,मनमोहन तो कोई नितीश कुमार . मोदी को पीएम पद का दावेदार मानने वालो की दो वजह है हिन्दुत्त्व की छवि और विकास वही राहुल को पीएम पद का दावेदार मानने वालो का तर्क है की वह गरीबी को समझते है और युवा है वही आडवानी को इस पद का दावेदार मानने वाले लोग उन्हें लोह पुरुष और एसा नेता बताते है जिस पर अब तक कोई भर्ष्टाचार का आरोप तक नही है वही ऐसे लोग भी है जो परनब डा को इस पद पर देखना चाहते है . पिछले सात सालो से मनमोहन पर कमजोर प्रधानमन्त्री होने के आरोप लग रहे है और आडवाणी पर मोकाप्रस्त होने के और मोदी पर साम्प्रदायिकता के तो राहुल पर गरीबो के घर खाना कहने के तो क्यों न हमें अगला पीएम चुनने के लिए उसके विचारों को जानी का एक मोका मिलना चाहिए जिसके तहत सभी दावेदार अपने -अपने विचार टीवी चैनल्स पर खुली बहस में रखे की किस प्रकार वह इस देश को आतंक से सुरक्षा , आर्थिक मोर्चे पर मजबूती , रोजगार , भर्ष्टाचार मुक्त शासन दे सकते है किस प्रकार रोजगार के अवसर भारत में पैदा कर सकते है किस प्रकार भारत को हर क्षेत्र में मजबूती दिला सकते है . उस बहस में सभी दावेदार अपनी आगामी रणनीति का खुलासा जनता के सामने करे तत्पश्च्यात जनता से मोबाइल या इन्टरनेट से मसेज़ द्वारा वोटिंग कराई जाए और जो प्रत्याशी अधिक वोट प्रप्त हो उसी को पीएम की दावेदारी ठोकने का मोका मिले . यदि इस प्रकार की बहस हमारे भारत में पीएम परत्याशियो की होती है तो सचमुच हमारे भारत को एक नई दिशा मिलेगी और वाही प्रधानमन्त्री की कुर्सी संभालेगा जनता जिस पर इस बहस में विशवास करेगी जो अधिक समझदार और अनुभवी होगा .
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