ajad log
- 250 Posts
- 637 Comments
एक सोलह साल का लड़का
रोम -रोम में देशभक्ति
सोच उसकी सेना में हो भर्ती
शरीर तंदुरुस्त – ताकतवर
बातो में देशभक्ति – जज्बातों में देशभक्ति
भावनाए उछाल मारती देश की खातिर
बस एक तमन्ना दो – चार दुश्मन ढेर हो उसके हाथो
समय बीतता गया ……बीतता गया
हर किसी से वह पूछता गया
कैसे होते है लोग सेना में भर्ती
कैसे मरते है सीमाओं पर
कैसे पहुचते है वहा
लेकिन दुर्भाग्य देखिये तो जरा उस नोजवान का
मिला न उसे कोई यह बताने वाला
उम्र ढलती गयी ढलती गयी
पर मिला न उसे कोई मार्ग दिखाने वाला
उसकी नसों में आज भी देश के लिए बलिदान देने की है भावना
लेकिन अब वह भटक गया है अपने मार्ग से
ऐसे चोराहे पर खड़ा वह
जहा उसके साथ केवल सोच ही सोच है
शायद अब उसका मन मर गया
बस अब वह एक बात सोच रहा
जिंदगी में एसा मोड़ भी आता है
जहा इंसान अक्सर भटक जाता है
Read Comments