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बाबाओ और इमामो के हाथ में खेलती सत्ता

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डेरा सच्चा सोदा ने जब पंजाब में कोंग्रेस को समर्थन देने की बात कही थी तब एक बार कोंग्रेस की जीत तय मानी जा रही थी चुकी डेरा सच्चा सोदा पंजाब में अच्छा खासा प्रभाव रखता है वही यूपी में जब दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम बुखारी ने सपा को वोट देने की मुसलमानों से अपील की तब भी सपा की जीत के रूप में परिणाम सामने आये ! लेकिन अब बुखारी इलज़ाम लगा रहे है सपा पर मुसलमानों से भेदभाव का ! वही आजम खान का आरोप है की ” बुखारी भाई और दामाद को राज्यसभा न भेजने से मुलायम से नाराज है ” यदि वाकई आजम के आरोप सही है तो इतना तो तय है की हमारे देश की सरकारे इमामो और बाबाओ के अहसानों तले दबी है जिसकी वजह से बाबाओ और इमामो , मोल्वियो का बलेक्मेलिंग का खेल सरकार के साथ चलता रहता है ! जिसके तहत बाबा लोग अपने ट्रस्ट को तरह -तरह की छुट या जमीनों की मांग करते है वही मोलवी या इमाम अपने या अपने रिश्तेदारों को राजनैतिक तवज्जो देने की ! सबके अपने – अपने हित है जहा आजम खान के मुताबिक़ बुखारी साहब की नाराजगी राज्यसभा में भाई दामाद को न भेजने को लेकर है तो वही डेरा सच्चा सोदा का भी कोई न कोई गुप्त हित तो है ही जिसकी वजह से सीएम पद के दावेदार डेरे में मत्था टेकने जाते है और डेरा प्रमुख डेरा प्रेमियों से किसी खास पार्टी को वोट देने की अपील ! लेकिन इतना तो तय है की बाबाओ और मोल्वियो की सत्ता में दखलंदाजी बाबा और मोल्वियो के लिए तो लाभदायक हो सकती है लेकिन देश या प्रदेश के लोगो के लिए बिलकूल नही ! यह तो ठीक है बाबा लोग एसा करके अपना धंधा चला सकते है और मोलवी या इमाम अपनी राजनीति में पैठ ! यह तो ठीक है कोई भी मोलवी, इमाम या बाबा वोट बैंक के बल पर जिस पार्टी को जिताना चाहे उसे जीता सकता है लेकिन इतना भी तय है इमामो और बाबाओ के हाथ में खेलती सत्ता देश प्रदेश के लोगो का हित नही कर सकती ! यह तो ठीक है किसी पार्टी को समर्थन देकर कोई भी बाबा अपने हित साध सकता है और मोलवी या इमाम अपने लेकिन यह भी उतना ही सत्य है इससे न तो आम मुलमान को फायदा मिल रहा है और न ही किसी बाबा के गरीब अनुयायियों का .! फिर भी इस देश का हिन्दू या मुसलमान मोल्वियो और बाबाओ के दिशा अनुसार वोट देता है जिसके कारण हमारे देश की सत्ता मोल्वियो , इमामो और बाबाओ की कठपुतली बन कर रह गयी है !

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