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जब से निर्मल बाबा पर मिडिया ने ऊँगली उठाई है तब से साधू -संत और पुरोहित कोई भी मोका नही छोड़ रहे हैं निर्मल बाबा की खिलाफत करने में ! कभी ‘ कुम्भ में नही आने देंगे तो कभी मंदिर में नही घुसने देंगे ‘ इस तरह की बयानबाजी आम बात हो गयी है ! मीडिया और सोशल मीडिया तो दुश्मन बन ही गया था लेकिन देश के साधू संत भी अब हाथ धोकर पीछे पड़ गये हैं ! लेकिन सवाल उठता है आखिर साधू – संत निर्मल बाबा का ही विरोध क्यों कर रहे हैं ……………………………………
१ क्या हमारे देश के साधू संत एसा करके अपनी छवि चमकाना चाहते हैं ?
२ क्या हमारे देश के बाकी साधू -संतो पोंगा पंडितो – पुरोहितो ने निर्मल बाबा पर ऊँगली उठने के बाद राहत की सांस ली है ! चुकी निर्मल बाबा ने ज्योतिषियों की सारी दुकानदारी अपनी और खीच ली थी ?
३ देश के साधू संत पुरोहित निर्मल बाबा पर तो ऊँगली उठा रहे हैं हा- हल्ला मचा रहे हैं लेकिन
पोल दिनाकरन पर खोमोश है ! जब की निर्मल बाबा ने हिन्दुत्त्व के प्रति कुछ गलत नही बोला है बल्कि पोल दिनाकरण अथवा बेनी -हिन् जैसे लोग ही हिन्दुओ को धर्मान्तरित कर रहे हैं !
४ गंगा माँ पर बाँध अथवा गंदगी फैलने के विरोध में सामने न आने वाले संत निर्मल बाबा का विरोध कर आखिर क्या साबित करने में लगे हैं ?
मेरा उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नही है लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक हमले देश के कई साधू संत और पुरोहित लोग निर्मल बाबा पर कर रहे हैं यदि ठीक यही रवैया वह देशविरोधी तत्वों के खिलाफ अपनाए और हिन्दू सभ्यता को बचाने में अपनाए जनता को जागरूक करे तो बेहतर होगा देशहित में भी ! चुकी ……….. भले ही निर्मल बाबा एक व्यापारी हो लेकिन वह देशद्रोही तो नही ! बेशक निर्मल बाबा दो हजार रुपया लेकर अपने भक्तो को किसी मदिर में पचास की जगह पांच सो रुपए डालने की सलाह देते हो लेकिन देश के खिलाफ अथवा धर्म के खिलाफ तो कुछ भी नही बोलते अथवा करते ! इसलिए साधू संतो को निर्मल बाबा को निशाना बनाने की जगह उन लोगो को निशाना बनाना चाहिए जो की देशविरोधी कार्य कर रहे हैं और हिन्दू संस्कृति रामसेतु , गंगा के दुश्मन हैं ! जिससे भारत का जनमानस जागरूक हो सके !
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