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इस्लाम एक षड्यंत्र !

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किसी ने दूकान खोल रखी है किसी ने कोस्मेटिक , मोबाइल , पंसारी , परचून , अथवा किसी भी चीज़ की ! सबमे एक कम्पीटीशन है यदि पड़ोसी ने अपने घरमे एलसीडी लगाया तो मुझे भी एलसीडी लगाना ही है ! पडोसी का लडका अथवा लड़की बाइक लाते हैं अथवा सकूटी लाते है तो उनसे महंगी अथवा वैसा ही वहिक्ल हमारे बच्चो के पास भी होना चाहिए ! किसी में कोई लड़ाई झगड़ा नही है ! सब अपनी ख़ुशी में मस्त हैं और दुसरे की खुशियों का मुकबला करना कहते हैं और जो उनकी बराबरी नही कर सकते वह जल रहे हैं अंदर ही अंदर ! उसकी कोठी है मार्बल के फर्श हैं हमारे कच्चे फर्श है ! उसका लड़का बाइक रखता है हमारे पास दो टाइम की रोटी भी नही है ! उसका लड़का -लडकी अच्छी शिक्षा हासिल कर रहे हैं अच्छे कपडे पहनते हैं ………लेकिन हम !
कसबे में एक मस्जिद है दस – पन्द्रह इस्लाम को मानने वाले परिवार ३०- ४० की संख्या तक पहुच रहे हैं उनकी संख्या में इजाफा हो रहा है ! कैसे ………राकेश की शादी नही हो रही थी मोलवी साहब मालेगाव से बीवी दिलाकर के लाये हैं ! राकेश का रहन सहन बदल रहा है ठीक वैसे ही दुसरो का भी ! अब मस्जिद में २०- २५ लोग नमाज नही पढ़ते उनकी संख्या १०० के करीब है ! शादी के लालच में लोग इस्लाम स्वीकार रहे हैं तो कुछ अपनी छात पक्की करवाने के लिए तो कुछ लिपाई करवाने के लिए !
लेकिन कोई है जो यह सब समझ रहा है वह चुप नही है वह लोगो को समझा रहा है ! लेकिन लोग उसे बेवकूफ कहते हैं ………………….साम्प्रदायी कहते हैं ! ………………….
माह दर माह साल दर साल बितते जाते हैं सबसे हसमुख तरह से मिलने वाले मोलवी साहब गाडियों में चलने लगते हैं …………………
जिस जगह पर हिन्दू रहा करते थे वहा मुस्लिम रहने लगते हैं ! चुकी उन्हें मुसलमानों ने अच्छे खासे दाम देकर वह जमीन – घर खरीद लिया है ! अब बाकी बचे खुचे लोग भी वह जगह छोड़ना चाहते हैं ! शायद हिन्दू और मुसलमानों की संस्कृति रहन सहन मेल न खाने के कारण अथवा कोई और गंभीर कारण !
तभी इस्लाम को मानने वालो का दायरा बढ़ता जाता है ! लेकिन हिन्दू समाज अब भी व्यापार और आधुनिकता की अंधी दोड़ में ………जातिवाद में बटा रहता ही !
धीरे धीरे मुस्लिम आबादी ५० % प्रतिशत तक पहुच जाती है ………जिसके बाद कसबे में जो होता है उसे सहन नही किया जा सकता ……….
लेकिन तुष्टिकरं की राजनीती और संविधान और अत्यधिक सहनशीलता हिन्दुओ को मुसलमानों के हर जुर्म को सहने के लिए मजबूर करती है !
लेकिन तभी एक गाय की आँख निकाली हुई ……..मिलती है जिसे देखकर किसी भी हिन्दू का उग्र होना स्वभाविक होता है ! शहर में दंगे फसाद होते हैं जिसमे हिन्दू समाज की भारी हानि होती है ! दूकान – घरो को जला दिया जाता है, लडकियों को उठा लिया जाता है ……….हिन्दू समाज शहर छोड़ने पर मजबूर हो जाता है जो नही छोड़ता वह इस्लाम स्वीकार कर लेता है ………………………………..

लेकिन ऐसी हर घटना के बाद भी हिन्दू समाज सबक नही लेता …………..जब की दुसरे शहर में भी यही इस्लामिक षड्यंत्र होता है ………लेकिन फिर भी वह धर्म और देश पर चिन्तन करने की जगह हर शहर हर गाव में पैसा कमाऊ प्रतियोगिता में ही शामिल होता है !
लेकिन कब तक ………………..

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