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अन्ना के तीन – तीन अनशन और बाबा रामदेव के तीन अनशन से अब जनता उबने लगी है ! आन्दोलन की बाते बार – बार दोहराने से जनता की दिलचस्पी दिल्ली की सडको में घुमने फिरने की बनती जा रही है ! वही जनता जो बसों में आन्दोलन को सफल बनाने के लिए भर – भर कर लाइ जाती है वही जनता बँगला साहिब गुरुद्वारे के लंगर छकने लगी है दिल्ली की गर्मी में मदर डायरी की आइसक्रीम की चुस्कियों के मजे लेने में मशगूल होने लगी है !चार जून का वह दिन और तीन जून का कल का दिन दोनों में ही काफी अंतर था ! अन्ना की अगस्त क्रान्ति और बाबा अन्ना का गठजोरी अनशन जून की गर्मी में भी काफी ठंडा सा लगा ! कई इस तरह के इंसान जन्तर – मन्त्र से थोड़ी सी परे चर्च के पास टकरे जो की बाबा रामदेव और अन्ना के आन्दोलन के तले अपनी बातो दुखो को दबा हुआ महसूस कर रहे थे उन्हें आस थी की बाबा और अन्ना उनसे मिलेंगे चुकी वह भी भ्रष्टाचार से पीड़ित थे और अन्ना रामदेव से मिलकर अपने दुखो को सार्वजनिक करना चाहते थे इस आस में की शायद उनकी आवाज को बल मिले लेकिन न तो मीडिया ने उनकी कवरेज ली और न ही बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के सदस्यों ने उनकी कोई सुध ली ! उलटे अन्ना समर्थको ने उन्हें धक्के मारकर बाहर निकाल दिया एसा उनका आरोप था !
इस तरह का माहोल कल के जन्तर मन्त्र पर देखने को मिला जो कम से कम बाबा और अन्ना के लिए सही नही कहा जा सकता ! हमने कुछ समर्थको से बात की की आप लोग अनशन के तम्बू में बैठने सुनने की बजाय बाहर क्यों घूम रहे हैं उनका कहना साफ़ था बार – बार वही बाते दोहराई जा रही हैं यदि मिस्त्र में लोग आर पार की लड़ाई लड़ सकते है तो भारत में क्यों नही ? क्या जन्तर – मन्त्र और रामलीला को भर देने से सरकार काला धन हमें लाकर दे देगी यदि एसा ही होता तब तो अभी तक काला धन भारत में ही होता ! दरअसल ऐसे लोगो में अधिकतर नोजवान थे जो यह तो समझते हैं की बाबा और अन्ना के मुद्दे अच्छे हैं लेकिन उनका मानना है की एक ही बार में निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए न की बार तपती गर्मी में भारत की जनता को अपने घरो से दूर दिल्ली में खोखले नारों के लिए बुलाया जाए ! लेकिन दिल्ली के जन्तर – मन्त्र के ऊँचे मंचो पर बैठकर बाबा और अन्ना हजारे को एक बात तो समझनी ही होगी बड़ी सक्रीन और मीडिया की चका चोंध उन्हें न सिर्फ आम जनता से दूर कर रहे हैं बल्कि आन्दोलन की उस धार को भी कमजोर कर रहे हैं जिसे लेकर वह हिन्दुस्तान की नब्ज टटोलने में कामयाब हुए थे ! ये चका – चोंध ये शोहरत बाबा और अन्ना दोनों को ही आम आदमी से दूर कर रहे अं इस बात को दोनों ही जितनी जल्दी समझ ले उतना ही बेहतर नही तो इस देश की जनता इन दोनों के बारे में कुछ और ही समझ लेगी !
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