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पिछले कुछ दिनों से जब से पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का नाम राष्ट्रपति की रेस में सामने आया है तब से कुछ लोग फसबूक और अन्य साइटों पर कलाम को साम्प्रदायिक , आर एस एस का मुखोटा बताकर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं ! लेकिन ऐसे लोग कलाम को आर एस एस का मुखोटा या फिर साम्प्रदायिक साबित करने में क्यों लगे हुए हैं !
१ क्या इसलिए की उन्होंने भारत को एक मजबूत देश बनाने के लिए काम किया है ?
२ क्या इसलिए की वह एनडीए के उम्मीदवार हो सकते हैं ?
३ क्या इसलिए की वह भारतीय संस्कृति का सम्मान करते हैं ?
४ क्या इसलिए की वह देशभक्त हैं ?
क्या ये सभी बाते जो की कलाम में हैं वह उन्हें साम्प्रदायिक अथवा आर एस एस का मुखोटा साबित करती हैं ! क्या भारत में रहकर भारत की मजबूती के लिए काम करना गुनाह है अथवा साप्रदायिकता ? क्या एनडीए का उम्मीदवार होना सम्प्रदायिकता है जब की एन डी ए में अकेली बीजेपी नही है नितीश , बादल जैसे धर्मनिरपेक्ष लोग भी शामिल हैं ! या फिर जो लोग कलाम का विरोध कर रहे हैं या उन्हें साम्प्रदायिक तत्व बता रहे हैं उनकी नजर में जो भी भारतीय संस्कृति का सम्मान करे वाही साम्प्रदायिक होता है ! एक और अहम बात कलाम देशभक्त हैं इसमें कोई दो राए नही लेकिन क्या यही देशभक्ति उनकी कमजोरी है जो ऐसे तत्व उन्हें आर एस एस का मुखोटा बताते हैं , क्या देशभक्त होना गुनाह है ?
यदि कलाम इन्ही गुणों से साम्प्रदायिक हैं अथवा आर एस एस के मुखोटे हैं तब तो भारत की पूरी सेना ही साम्प्रदायिक है आर एस एस की मुखोटा है हर वह आदमी साम्प्रदायिक है जो भारत के हित के बारे में सोचता है ! भारत के सभी विज्ञानिक साम्प्रदायिक हैं , सभी समाजसेवी साम्प्रदायिक हैं , साभी साधू संत साम्प्रदायिक हैं , सभी वे नेता भी साम्प्रदायिक हैं जो देशभक्त है अथवा इस देश के भले के लिए काम करते हैं !
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