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यदि आपको राजनीति के शीर्ष पर पहुचना है तो जरुरी है आक्रामकता ! यही आक्रमकता आडवाणी की रथ यात्रा के समय बीजेपी को सत्ता तक पहुचाती है और आडवाणी को लोह पुरूष भी बनाती है और यही आक्रामकता सोनिया को सबसे ताकतवर महिला उस समय बनती है जब सालो से सो रही कोंग्रेस में जान फुकने का काम सोनिया करती हैं और कोंग्रेस को सत्ता दिलाती हैं ! इन्ही आक्रामक तेवरों के साथ ममता बनी हुई है इसी आक्रमकता ने लेफ्ट को बंगाल से बाहर किया और ममता को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुचाया !
आज कहने को ममता यूपीए में हैं लेकिन वह यूपीए में रहकर भी काफी आक्रामक तेवरों के साथ यूपीए की नीतियों का विरोध करती रही हैं चाहे वह fdi के मुद्दे पर हो या पेट्रोल के मुद्दे पर ! वह अपनी बात मनवाकर ही छोडती हैं और सरकार को भी झुका देती हैं ! पिछले कुछ माह से ममता की इमेज काफी राष्ट्रिय बनती जा रही है तभी तो आडवाणी जैसे दिग्गज नेता अपनी रथ यात्रा में ममता को ‘ सरकार में एक ही मर्द है ‘ तक कह डालते हैं ! अब फिर से ममता सरकार के खिलाफ हैं और आरपार की लड़ाई लड़ने के मूढ़ में हैं ! वह कलाम के नाम पर डटी हैं शायद वह देश की दुखती राग पर हाथ लगा रही हैं वह जानती हैं कलाम देश की पसंद हैं ! फेसबुक , ट्विट्टर , ब्लागस्पाट , जागरण मंच , गलियों में , गाव में ममता की वाह – वाही हो रही है और सभी ममता को एक दिलेर महिला करार दे रहे हैं ! ममता भी देश के युवाओं को रिझाने के लिए फेसबुक पर समर्थन की अपील कर रही हैं और आज तक दिखा रहा है की ‘ कभी उसूलो से समझोता नही किया , हम तृणमूल कोंग्रेस कलाम का समर्थन करते हैं ममता ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लिखा, ‘मैंने उन लाखों लोगों को आवाज दी है, जो चाहते हैं कि राष्ट्रपति कैसा हो.’ यदि हम ममता के यूपीए से जुड़े कार्यकाल को देखे तो ममता बनर्जी यूपीए में रहते हुए न सिर्फ सरकार के लिए सरदर्द बनी हुई हैं बल्कि उनके यही आक्रामक तेवर उन्हें राष्टीय नेत्री के बढ़ते कदम की और भी इशारा कर रहे हैं ! दरअसल ममता आज ऐसी नेत्री बन चुकी हैं जो हर मुद्दे पर बेबाक बोलती हैं और यूपीए में ही कोंग्रेस का विरोध करती हैं शायद उनकी नजर अब बंगाल से बाहर उस वोट बैंक पर है जो कोंग्रेस की नीतियों से नाराज होकर बीजेपी या एनडीऐ के पक्ष में जा सकता है यह सब उसी की रणनीति हो सकती है ! चुकी ममता अच्छी तरह से जानती हैं २०१४ में कोंग्रेस बुरी तरह से पिटेगी और एनडीऐ सत्ता में होगी लेकिन इसके साथ वह यह भी जानती हैं की एनडीऐ की सरकार में जरुरी नही की बीजेपी से ही कोई पीएम बने वह एनडीऐ से भी हो सकता है ! जैसे नितीश आगे बढ़ रहे हैं वैसे ही ममता ने भी अपने दाव चले हैं अब देखना यही है की उन्हें अपने मिशन २०१४ में कितनी सफलता मिलती है ! यह तो भविष्य के गर्भ में है की 2014 में ममता की दिशा दशा क्या होगी लेकिन आज सान्झ 6 बजे तक ममता भारतवासियों के दिलो – दिमाघ में अपनी जगह बना चुकी हैं !
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