- 250 Posts
- 637 Comments
पिछले कुछ सालो से बीजेपी विपक्ष की सही भूमिका नही निभा पा रही जिसका खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ रहा है ! लेकिन फिर भी देश को बीजेपी से उम्मीदे हैं जिस पर खरा उतरने के लिए बीजेपी को कुछ कड़े कदम उठाने होंगे ! फिलहाल बीजेपी का हाल ये ही की पार्टी तय ही नही कर पा रही है की उसे हिन्दुत्त्व के मुद्दे को साथ लेकर चलना है या सेकूलारिज्म में आगे बढना है ! बीजेपी में एक धडा एसा है जो संघ की बेडियो से निकलने की लिए छटपटा रहा है और दूसरा धड़ा संघ की साथ खड़ा है ! ऐसे में संघ और बीजेपी के नेताओं में खीचातानी है जहा संघ अपना वर्चस्व बनाये रखना चाहता है वही बीजेपी के कुछ नेता पार्टी को संघ की बेड़ियों से आजाद करना चाहते हैं ! आपसी खीचातानी में मुद्दे कही पीछे छुट रहे हैं और जनता का विशवास और बीजेपी का वोट बैंक उससे छिटक रहा है ! वर्चस्व की इस लड़ाई में मुद्दों की राजनीति हो नही पा रही है सत्तापक्ष का घेराव हो नही पा रहा है जिसकी वजह से न सिर्फ पार्टी की विचारधारा पीछे धकेली जा रही है बल्कि पार्टी तेज़ी से व्यक्तियों के अहम के तले दबती जा रही है जिससे आम कार्यकर्ता वह चाहे संघ का हो या बीजेपी का मायूस है उनमे एक जोश पैदा नही हो रहा जो किसी समय में हुआ करता था ! लेकिन ऐसे हालत निश्चित तोर पर बीजेपी के लिए आने वाले सालो में संकट खड़ा करने वाले हैं पार्टी और संघ को तुरंत ऐसे हालातो से निपटना होगा और पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाना होगा , जन – जन तक पहुचाना होगा ! लेकिन उसके लिए जरुरी है की बीजेपी किसी चहरे को आगे कर कोई कार्ड खेले जनता से जुदा कोई मुद्दा राष्ट्रिय स्तर पर उठाये ! चाहे वह भावनात्मक ही क्यों न हो ! बेशक मोदी या अडवाणी को ही इसमें आगे करना होगा ! लेकिन साथ संघ जैसे संघठनो को भी देना होगा ! चुकी बंजर पड़ चुकी बीजेपी की राजनैतिक जमीन में फिर से फसल लहलहाने के लिए संघ , वीएचपी , बजरंग दल , शिव सेना सभी को अपने स्तर पर मेहनत करनी होगी ! जिसके लिए बीजेपी और संघ दोनों का साथ जरुरी !
Read Comments