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बजुर्ग लोग अक्सर कहते हैं जब तक कोई लड़की – ओरत किसी मर्द को लड़के को शह न दे तब तक किसी मर्द – लड़के की हिम्मत नही पड़ती ! यह बात भी सोलह आने सच है ……….
लड़के अक्सर डरते हैं की लड़की से बात कैसे करू मन में बात को दबाकर रखते हैं लेकिन लड़कियों का उनकी और बार – बार देखना उन्हें शह देता है हिम्मत देता है ……………
एसा ही मेरे साथ हो रहा है मैं एक लड़की को देख रहा हूँ कुछ दिनों से ! वह मेरे सामने वाली दुकान पर आती है साथ में उसकी सहेली भी ! दरअसल मै तो नेट पर ही व्यस्त रहता हूँ चुकी मेरा काम शेयर ब्रोकिंग का है लेकिन वह मेरी और देखती रहती है ! जब मै उसकी तरफ देखता हूँ तब लगता है की वह मुझे पटा रही है , मै उसकी तरफ देखता हूँ और वह हसने लगती है वह अपनी दोस्त को धीरे -धीरे कुछ कहने लगती है ! वह दूकान से अपना समान खरीदकर निकलती है तब भी वह मेरी ही तरफ देखती है ! कई दिनों से रहस्य बना रहा की मेरी तरफ क्यों देखती है फिर मै भी उसे पसंद करने लगा ! मैंने सोचा क्यों न इससे बात की जाए ……..लेकिन कैसे ……………………..
मन में तरह -तरह के सवाल ………कही बुरा मान गयी तो ,,,,,,,,,तभी मैंने सोचा की किसी एक्सपर्ट दोस्त को बुलाता हूँ जो ऐसे मामलो से निकला हुआ हो ! !!!!!!!!!! उस दोस्त ने भी यही फील किया की यार लड़की तो सेट है !!!!! अब मैंने उससे पूछा क्या किया जाये तो उसने मुझसे कहा की अब की बार देखते ही हल्का सा हाथ हिला दे हसी तो फसी और शरमाई तो भी फसी !!!!!!!!!!!
मैंने अगले दिन यही किया ,,,,,,,,वह शरमाई लेकिन जाते समय मामूली सा …..हल्का सा कुछ इशारा कर गयी !
वह दिन है और आज का दिन है हम दोनों फोन पर बाते कर रहे हैं !!!!!!!!! चैटिंग करते हैं वह मुझसे अपनी बाते शेयर करती है और मै उससे ! दिन में दो – तीन घंटे की बात हो जाती है फोन के बिल का अर्धशतक रोज लग रहा है , मैसेज का दोर भी आरम्भ है !!!!!!!!!
लेकिन हमारी इस दोस्ती ने मुझे एक बात का अनुभव करवाया है की लडकिया ही लडको को बिगाडती हैं !
मेरी जिंदगी का एक और किस्सा सुनाता हूँ …….मेरी उम्र 18 साल की थी + २ परीक्षा देने के लिए किसी गाव में जाना हुआ ………परीक्षा से दो घंटे पहले हम दो – दोस्त पहुचे ! दो लड़कियां हमारी तरफ देख रही थी एसा लगा की वह हमारी ही बाते कर रही हैं ! लेकिन भीतर जाने का आदेश नही था हम दोनों गेट पर ही खड़े थे लेकिन जैसे – तैसे अंदर पहुचे तभी एक मास्टर जी ने रोका लेकिन मै हिम्मत जुटा कर उन छात्राओं की तरफ चला गया और मेरा दोस्त अमित मास्टर के पास !!!!!!!!!!! अब मेरी उन दोनों लडकियों से बात हुई लेकिन मैंने उनमे से एक लड़की जिसका नाम पूनम था से बात की !!!!!!!!! उसका नाम और गाव पूछा !!!!!!!!!!!!! एसा करीब तीन – चार दिनों तक चला बाते हुई मुलाकाते हुई ……….
लेकिन मन में एक अजीब सी भावना थी की मै गलत हूँ ! कई दिनों तक वहा परीक्षा के लिए जाना हुआ और अंत में मैंने उस लड़की से यह कहते हुए दोस्ती तोड़ ली की हमारी दोनों की उम्र बहुत कम है और वैसे भी दोस्ती तो लडको की लडको के साथ और लड़कियों की लड़कियों के साथ सही होती है ! लेकिन आज भी वह लड़की याद आती है एक धुंधली सी तस्वीर आँखों में अब भी है उसकी ……………………………………………………..
लेकिन एक बात और है जो मै इस समय सोच रहा हूँ की इन चार सालो में मै कितना बदल गया हूँ जो पहले मुझे गलत लगा अब वह सही ? लेकिन एक बात और है जो बार – बार सामने आती है की लड़कियां ही लडको को बिगाड़ रही हैं ! एक बात और सामने आती है की ऐसी दोस्ती सही होती है या गलत ! यह खुलापन सही है या गलत ?
चलो एक काम करता हूँ आज फिर + २ की परीक्षा के दिनों को भूलकर उस लड़की से ही फोन पर इस तरह के सवाल जवाब करते हैं देखते हैं वह क्या जवाब देत है और फिर कल आपके साथ उनके विचारो को बाटेंगे !
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