Menu
blogid : 1601 postid : 1734

पाठशाला की शिक्षा इस्लामिक कट्टरपंथ का अंत नही

ajad log
ajad log
  • 250 Posts
  • 637 Comments

हमारे देश में कई लोग इस वहम में जीते हैं की मुसलमानों को यदि अच्छी शिक्षा मिल जाये तो उनका जीवन सुधर सकता है और दंगे फसाद भी कम हो सकते हैं ! अच्छी सिक्षा से एसे लोगो का मतलब पाठशाला यानि स्कूली शिक्षा से है ! वही कई लोग और राजनैतिक दल एसे भी है जो मानते हैं की मुसलमानों को सुविधाए दे देने से उनमे सुधार आ सकता है ! इस प्रकार की शिक्षा सुविधाए अमेरिका , इण्डिया , चीन , रूस , , जापान लगभग सभी देशो में मुस्लिम्स को मिलती है ! परन्तु विचारणीय है की इस सबके बावजूद मुस्लिम आबादी गैर मुस्लिम के साथ न तो घुल मिल पा रही है और न ही उस देश के परती वफादारी निभा पा रही है जिसमे उसे रोजगार , शिक्षा , या जीने की मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल रहा है ! उदाहरन के लिए भारत से बेहतर दुनिया में कोई भी देश नही है जहा के प्रधानमन्त्री सव्यम यह ब्यान देते है की देश के संसाधनों पर मुसलमानों या अल्पसंख्यको का पहला हक़ है भारत इसलिए भी ख़ास है क्यों की देश में मुसलमानों के लिए अलग से कानून का निर्माण किया गया है जो की विशेष सुविधाए मुस्लिम्स को प्रदान करता है ! परन्तु बड़ा सवाल यह है की भारत के परती भारतीय मुस्लिम्स की जिम्मेदारी क्या है या वफादारी ? और वह उसे निभा रहा है या नही ? इस बात का जवाब कोई भी इन्सान यदि अपने दिल पर हाथ रखकर खोजेगा तो उसकी मन और आत्मा दोनों से एक ही आवाज निकलेगा ‘ नो ! मै भारतीय मुसलमानों से परे पाकिस्तान की बात लाना चाहता हूँ जिसे अमेरिका जैसा देश भारी सहायता प्रदान करता है परन्तु पकिस्तान या पकिस्तान की जनता कितनी वफादार है अमेरिका के प्रति अथवा उसके नागरिको के प्रति या कितनी सहानुभूति है उसे अमेरिका से इस बात को रेमंड डेविस मसले से समझा जा सकता है ! अच्छी स्कूली शिक्षा मुसलमानों को भारत में भी मिलती है और अच्छी सुविधा भी ! यही सुख सुविधाए अमेरिका में भी मिलती है परन्तु अमेरिका या भारत से प्रेम करने की जगह मुस्लिम आबादी अपने धर्म के लिए मरने मारने को तैयार रहती है छोटी छोटी बातो पर तोड़ फोड़ करने पर उतारू रहती है एसे में उस देश को आर्थिक रूप से कितन ही हानी क्यों न पहुचे ! कभी आतंकवादियो के लिए तो कभी दुसरे देशो में मुस्लिम पर अत्याचार के बहाने हर मसले पर दुनिया भर का मुसलमान दंगे – फसाद, तोड़ -फोड़ करता है सडको पर उतरता है भारत जैसे देश में तो दुश्मन देशो के झंडे भी लहरा दिए जाते हैं ! आज भारत – अमेरिका , ब्रिटेन , नेपाल वही शिक्षा मुसलमानों को देता है जो शिक्षा वह अपने देश के बहुसंख्यक समाज को देता है फिर भी मुसलमानों में कट्टरपंथ की भावना प्रबल हो रही है ! भारतीय विद्वान या राजनीतक पार्टियों के लोग बेशक मुसलमानों में गरीबी अथवा अशिक्षा को हिंसाओ का कारण बताये लेकिन दुनिया के किसी भी कोने में कोई भी समाज उस देश को रत्ती भर भी हानी नही पंहुचा सकता जिस देश में वह रहे या उसे जीने का माहोल मिले ! भारतीय विद्वानों और राजनैतिज्ञो को समझने की जरूरत है कट्टरपंथ की भावना को सुविधाए देकर या आतंकवादियो पर नरमी बरतकर कम नही किया जा सकता ! इसके लिए जहा से कट्टरपंथ पनप रहा है उसे ही कमजोर करना होगा बेशक इसके लिए ‘ सलमान रुश्दी ‘ जैसे लेखक की भावना को समझकर काम क्यों न करना पड़े ! बेशक वही सुधार करना होगा जहा हर मुस्लिम कट्टरपंथी की शिक्षा पाता है और वही शिक्षा वही विचार वह उम्र भर जीता है !

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh